Sophia Qureshi Biography: हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर 2025 में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए चर्चित करनाल सोफिया कुरैशी का जन्म 1947 में बड़ोदरा गुजरात में हुआ था इनके पिता का नाम ताजुद्दीन कुरैशी हैं! जो भारतीय सेना में अधिकारी रहे हैं और उनके जीवन में सैन्य प्राणों को सबसे बड़ा स्रोत रहे हैं। और मां हनिमा कुरेशी हैं. जो एक ग्रहणी हैं।

सोफिया कुरैशी ने बड़ोदरा यूनिवर्सिटी से बीएससी और एमएससी बायोमेट्रिक में पढ़ाई पूरी की हैं। ऐतिहासिक कार्यों और नेतृत्व के लिए जानने वाली करनाल सोफिया कुरेशी भारतीय सेना की एक प्रतिष्ठ अधिकारी हैं। भारत के इतिहास में पहली ऐसी महिला है जिन्होंने बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास का नेतृत्व किया।
Sophia Qureshi Biography
सोफिया कुरैशी वडोदरा गुजरात की रहने वाली है इनके पापा सेना में थे और मां घर संभालती थी इनकी एक जुड़वा बहन भी है जिसका नाम डॉक्टर शाहिना है और इन्होंने ने बायोकेमिस्ट्री में मास्टर डिग्री ली है जो महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी से पूरी की! सोफिया ने भारतीय सेना 1999 में ज्वाइन किया था। सोफिया कुरैशी की शादी करनाल ताजुद्दीन बाघेवाडी से हुई जिससे उनको एक बेटा हुआ और वह अपने परिवार का अच्छे से ध्यान रखती हैं और देश के लिए भी कुर्बानी देने के लिए तैयार है!

जानकारी | विवरण |
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पूरा नाम | कर्नल सोफिया कुरैशी |
जन्म वर्ष | 1974 |
जन्म स्थान | वडोदरा, गुजरात |
पिता | भारतीय सेना के रिटायर्ड अफसर |
माता | गृहिणी (हाउसवाइफ) |
बहन | डॉ. शाइना सुंसारा (जुड़वां बहन, मोटिवेशनल स्पीकर) |
शिक्षा | बायोकैमिस्ट्री में मास्टर्स डिग्री (महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी, वडोदरा) |
सेना में भर्ती | 1999 (कॉर्प्स ऑफ सिग्नल्स) |
खास मिशन | ऑपरेशन सिंदूर (2025) |
अंतर्राष्ट्रीय सेवा | यूनाइटेड नेशंस पीसकीपिंग मिशन, कांगो (2006) |
ऐतिहासिक उपलब्धि | पहली भारतीय महिला जिन्होंने विदेशी सेनाओं के साथ मिलकर सेना का नेतृत्व किया (Force 18 – 2016) |
पुरस्कार व सम्मान | स्पेशल सर्विस मेडल, ऑपरेशन विजय मेडल, यूनाइटेड नेशंस मेडल, ग्लोबल पीस गांधी अवॉर्ड |
शादी | कर्नल ताजुद्दीन बागेवाड़ी (2015) |
बच्चे | एक बेटा |
वर्तमान भूमिका | नेशनल डिफेंस कॉलेज में गेस्ट फैकल्टी व युवा अफसरों की मेंटर |
प्रेरणा | महिला सैनिकों के लिए रोल मॉडल, स्थायी कमीशन और NDA में महिलाओं की एंट्री की समर्थक |
संयुक्त राष्ट्र (UN) की ओर से कांगो नाम के देश में 2006 में शांति बनाए रखने के मिशन पर गई थी 18 देशो के सैनिकों के साथ 2016 में इन्होंने एक बड़ी मिनिस्ट्री एक्सरसाइज का नेतृत्व किया और यह भारत की पहली ऐसी महिला बनी जिसने कभी भी यह नहीं किया था।
Operation Sindoor (2025)
अगर बात की जाए Operation Sindoor (2025): पहलगांव में आतंकी हमले के बाद जिसमें 28 भारतीय मारे गए इसलिए ऑपरेशन सिंदूर को स्टार्ट किया गया जिसमें सोफिया कुरैशी ने अहम भूमिका निभाई और इस ऑपरेशन को सक्सेसफुल किया जिसकी वजह से उनकी दुनिया भर में तारीफ हो रही है
What an Inspiring sight 🔥
— Harmeet Kaur K (@iamharmeetK) May 7, 2025
Colonel Sophia Quresh addressing the most important Special briefing on #OperationSindoor
Colonel Sophia Qureshi says
"We will brief you on the details of Operation Sindoor, carried out between 1:05 AM and 1:30 AM on the night of May 6-7, 2025, by… pic.twitter.com/9pKUoWzNdA
उन्होंने कई आतंकी ठिकानों पर हमला किया और उनको खत्म कर दिया जिसकी वजह से हिंदुस्तान और पाकिस्तान में जंग का आगाज हो गया लेकिन जल्द ही इन दोनों देशो के बीच अमेरिका के प्रधानमंत्री डोनाल्ड ट्रंप ने इस वार को रुकवा दिया और दोनों में समझौता कर दिया
इनाम और पहचान
सोफिया कुरैशी को भारत की तरफ से अच्छे काम करने की वजह से बहुत सारे मेडल मिले हैं जिनको आप नीचे पढ़ सकते हैं इनमें भारत के लिए बहुत ही बहादुरी से सिंदूर ऑपरेशन 2025 को अंजाम दिया और ऐसे ही यह देश की जिम्मेदारी अपने कंधों पर उठा रही है जिसकी वजह से भारत ने इनको बहुत सारे मेडल दिए हैं
- स्पेशल सर्विस मेडल
- ऑपरेशन विजय मेडल
- यूनाइटेड नेशंस शांति मेडल
- ग्लोबल पीस गांधी अवॉर्ड
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